मानसिक व शारीरिक शोषण के अलावा जाति-धर्म, लिंग, क्षेत्रीय मूल-भाषाई पहचान, निवास स्थान या आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर किसी तरह की टिप्पणी करने पर रैगिंग के तहत केस दर्ज होगा।